3 Main Shaktipeeth of Maa Baglamukhi
माँ बगलामुखी के चमत्कारिक शक्तिपीठ
देवी पीताम्बरा या माता बगलामुखी का स्वरूप दस महाविद्याओं में अष्टम है। शत्रुओं पर विजय, वाक सिद्धि एवं विशेष सिद्धि की प्राप्ति के लिए इनकी पूजा की जाती है। यदि देवी बगलामुखी की आराधना इनके शक्तिपीठों पर की जाए तो प्रभावी होती है। देश मे माता बगलामुखी के केवल 3 शक्तिपीठ है जो दतिया, कांगड़ा और नलखेड़ा में स्थित है।
माँ बगलामुखी के प्रसिद्ध शक्तिपीठ
बगलामुखी शक्ति पीठ, नलखेड़ा
- मध्य प्रदेश के नलखेड़ा में देवी बगलामुखी का प्राचीन मंदिर है जो नदी किनारे स्थित है।
- इस मंदिर में मां बगलामुखी की प्रतिमा स्वयंभू है।
- ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना महाभारत युद्ध में विजय प्राप्ति के लिए स्वयं धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान श्री कृष्ण के निर्देशानुसार की थी।
- इस मंदिर में लोग मुख्यत विजय प्राप्ति के लिए यज्ञ, हवन या पूजन-पाठ कराते हैं।
पीतांबरा मंदिर, दतिया
- देश के लोकप्रिय शक्तिपीठों में से एक है पीताम्बरा शक्तिपीठ जो मध्यप्रदेश राज्य के दतिया में स्थापित है।
- कहा जाता है कि माँ के दरबार मे मांगी गई मन्नत अवश्य पूरी होती है।
- माँ बगलामुखी शत्रु नाश एवं राजसत्ता की देवी है।
- इसी मंदिर में भारत-चीन युद्ध के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने देश की रक्षा के लिए माँ बगलामुखी का 51 कुंडीय महायज्ञ कराया था।
- मान्यता है कि इस मंदिर में स्थित देवी की मूर्ति दिन में तीन बार अपना रूप बदलती है।
बगलामुखी मंदिर, कांगड़ा
- हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में प्रसिद्ध शक्तिपीठ बगलामुखी मंदिर स्थित है।
- देवी बगलामुखी को समर्पित यह मंदिर प्राचीनकाल से ही हिन्दू धर्म के लोगों की आस्था का केन्द्र रहा है।
- बगुलामुखी का यह मंदिर महाभारत कालीन माना जाता है।
- बगलामुखी जयंती के अवसर पर मंदिर में विशेष मेले का आयोजन होता है।
- बगलामुखी मन्दिर में भक्तजन मनोकामना की पूर्ति व कष्टों के निवारण के लिए हवन, यज्ञ एवं पूजा कराते है।