बगलामुखी पूजा विधि
माँ बगलामुखी को दस महाविद्याओं में से सबसे शक्तिशाली महाविद्या माना गया हैं। इनको दस महाविद्या में से आंठवा स्थान प्राप्त हैं। माँ बगलामुखी को दुष्टों का संहार करने वाली माना गया हैं। माँ बगलामुखी अपने भक्तों के सभी तरह के कष्टों को दूर करके उनके शत्रुओं और बुरी शक्तियों का नाश करती हैं। ऐसा कहा जाता है कि यदि देवी के भक्त पूरे विधि-विधान से इनकी पूजा करे तो जीवन के हर क्षेत्र में उन्हें सफलता प्राप्त होती हैं।
बगलामुखी सम्पूर्ण पूजा विधि
देवी बगलामुखी की पूजा में सदैव पीली सामग्री का उपयोग करना चाहिए क्योंकि उन्हें पीताम्बरी देवी भी कहते हैं। .
- पूजा के लिए सर्वप्रथम चौकी रखे और उस पर पीला वस्त्र बिछाएं।
- अब चौकी पर देवी बगलामुखी की मूर्ति या चित्र की स्थापना करें।
- इसके बाद देवी बगलामुखी की मूर्ति को पीली चुन्नी अर्पित करें, साथ ही पूजा के लिए आप भी पीले वस्त्र ही धारण करें।
- माँ की मूर्ति के आगे बगलामुखी यंत्र की स्थापना करे और यंत्र ना होने की स्थिति पर आप चने की दाल से स्वस्तिक बना सकते हैं।.
- अब माँ की मूर्ति के आगे गाय के घी का दीपक प्रज्जवलित करे।
- माँ बगलामुखी की पूजा-अर्चना की शुरुआत बीज मंत्र के जाप से करनी चाहिए।
- बीज मंत्र के जाप के बिना इनकी पूजा अधूरी मानी जाती हैं।
- सर्वप्रथम माँ का बगलामुखी मंत्रों द्वारा आह्वान करे और पीले फूल व हल्दी माला देवी बगलामुखी को अर्पित करे।
- इसके बाद अपने हाथ में पीली सरसों ले और अपने चारों दिशाओं में बिखेर दे।
- अब माँ बगलामुखी के बीज मंत्र का जप करे।
- अंत में माँ बगलामुखी को पीली मिठाई अर्थात बेसन से बनी मिठाई का भोग लगाएं।
- पूजा के दौरान हुई किसी भी गलती के लिए माँ बगलामुखी से क्षमायाचना करें
तो यदि आप पूजा अनुष्ठान करना चाहते हैं तो हमें दिए गए संपर्क नंबर, ईमेल आईडी के माध्यम से हमसे संपर्क करें या क्वेरी फॉर्म से अपना विवरण भेजें।