Baglamukhi Jayanti – Most Trusted Portal devoted to Maa Baglamukhi https://baglamukhisadhna.com Wed, 19 May 2021 10:32:45 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=5.6.13 https://baglamukhisadhna.com/wp-content/uploads/2017/12/cropped-ICON-32x32.jpg Baglamukhi Jayanti – Most Trusted Portal devoted to Maa Baglamukhi https://baglamukhisadhna.com 32 32 Baglamukhi Jayanti Puja Vidhi, Mantra & Rules in Hindi https://baglamukhisadhna.com/baglamukhi-jayanti-puja-vidhi-in-hindi/ Wed, 19 May 2021 16:01:52 +0000 https://baglamukhisadhna.com/?p=2104 बगलामुखी जयंती 2021: बगलामुखी पूजा विधि,मंत्र और नियम वर्ष 2021 में बगलामुखी जयंती 20 मई 2021, बृहस्पतिवार को मनाई जाएगी।  बगलामुखी जयंती के अवसर पर […]

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बगलामुखी जयंती 2021: बगलामुखी पूजा विधि,मंत्र और नियम

वर्ष 2021 में बगलामुखी जयंती 20 मई 2021, बृहस्पतिवार को मनाई जाएगी। 

बगलामुखी जयंती के अवसर पर हम आपको बगलामुखी पूजा विधि, मंत्र एवं नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं।

बगलामुखी पूजा विधि

  • बगलामुखी जयंती के दिन जातक प्रातः काल नित्य कर्म और स्नानादि से निवृत होने के बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करे।
  • माता बगलामुखी की आराधना करते समय अपने मुख को पूर्व दिशा की तरफ करना चाहिए।
  • देवी बगलामुखी को पीला रंग प्रिय है, इसलिए इनकी पूजा में चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बिछाएं, पीले फूल अर्पित करे और पीले फल का ही भोग लगाएं।
  • पूजा के बाद मां बगलामुखी की आरती और चालीसा का पाठ करे। शाम के समय देवी बगलामुखी की कथा पढ़नी और सुननी चाहिए।
  • माता बगलामुखी व्रत के दौरान व्रती को शाम के समय फलाहार करना चाहिए।
  • इस दिन दान-पुण्य करने से जातक को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

बगलामुखी मंत्र 

ऊँ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां

वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्ववां कीलय

बुद्धि विनाशय ह्रीं ओम् स्वाहा।

बगलामुखी जयंती 2021 शुभ मुहूर्त

बगलामुखी जयंती पूजा मुहूर्त: 20 मई 2021, गुरुवार को 11.50 मिनट से 12.45 मिनट तक।

बगलामुखी पूजा के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

  • इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
  • पूजा के समय पीले वस्त्र धारण करें।
  • पूजा में प्रयोग के लिए दीपक की बाती को हल्दी या पीले रंग में लपेट कर सूखा कर रखें।
  • देवी बगलामुखी की साधना को एकांत में, मंदिर में या किसी सिद्ध पुरुष की निगरानी में करना चाहिए।

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3 Main Shaktipeeth of Maa Baglamukhi https://baglamukhisadhna.com/3-main-shaktipeeth-of-maa-baglamukhi/ Wed, 19 May 2021 15:48:30 +0000 https://baglamukhisadhna.com/?p=2102 माँ बगलामुखी के चमत्कारिक शक्तिपीठ देवी पीताम्बरा या माता बगलामुखी का स्वरूप दस महाविद्याओं में अष्टम है। शत्रुओं पर विजय, वाक सिद्धि एवं विशेष सिद्धि […]

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माँ बगलामुखी के चमत्कारिक शक्तिपीठ

देवी पीताम्बरा या माता बगलामुखी का स्वरूप दस महाविद्याओं में अष्टम है। शत्रुओं पर विजय, वाक सिद्धि एवं विशेष सिद्धि की प्राप्ति के लिए इनकी पूजा की जाती है। यदि देवी बगलामुखी की आराधना इनके शक्तिपीठों पर की जाए तो प्रभावी होती है। देश मे माता बगलामुखी के केवल 3 शक्तिपीठ है जो दतिया, कांगड़ा और नलखेड़ा में स्थित है।

माँ बगलामुखी के प्रसिद्ध शक्तिपीठ

बगलामुखी शक्ति पीठ, नलखेड़ा

  • मध्य प्रदेश के नलखेड़ा में देवी बगलामुखी का प्राचीन मंदिर है जो नदी किनारे स्थित है। 
  • इस मंदिर में मां बगलामुखी की प्रतिमा स्वयंभू है। 
  • ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना महाभारत युद्ध में विजय प्राप्ति के लिए स्वयं धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान श्री कृष्ण के निर्देशानुसार की थी।
  • इस मंदिर में लोग मुख्यत विजय प्राप्ति के लिए यज्ञ, हवन या पूजन-पाठ कराते हैं।

पीतांबरा मंदिर, दतिया

  • देश के लोकप्रिय शक्तिपीठों में से एक है पीताम्बरा शक्तिपीठ जो मध्यप्रदेश राज्य के दतिया में स्थापित है। 
  • कहा जाता है कि माँ के दरबार मे मांगी गई मन्नत अवश्य पूरी होती है। 
  • माँ बगलामुखी शत्रु नाश एवं राजसत्ता की देवी है। 
  • इसी मंदिर में भारत-चीन युद्ध के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने देश की रक्षा के लिए माँ बगलामुखी का 51 कुंडीय महायज्ञ कराया था। 
  • मान्यता है कि इस मंदिर में स्थित देवी की मूर्ति दिन में तीन बार अपना रूप बदलती है।

बगलामुखी मंदिर, कांगड़ा

  • हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में प्रसिद्ध शक्तिपीठ बगलामुखी मंदिर स्थित है। 
  • देवी बगलामुखी को समर्पित यह मंदिर प्राचीनकाल से ही हिन्दू धर्म के लोगों की आस्था का केन्द्र रहा है। 
  • बगुलामुखी का यह मंदिर महाभारत कालीन माना जाता है।
  • बगलामुखी जयंती के अवसर पर मंदिर में विशेष मेले का आयोजन होता है। 
  • बगलामुखी मन्दिर में भक्तजन मनोकामना की पूर्ति व कष्टों के निवारण के लिए हवन, यज्ञ एवं पूजा कराते है।

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Facts about Maa Baglamukhi https://baglamukhisadhna.com/facts-about-maa-baglamukhi/ Wed, 19 May 2021 15:30:12 +0000 https://baglamukhisadhna.com/?p=2100 माता बगलामुखी के रहस्य (Secrets of Maa Baglamukhi in Hindi): माँ बगलामुखी, दस महाविद्याओं में अष्टम महाविद्या है जिनकी आराधना भक्तों के जीवन से सभी […]

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माता बगलामुखी के रहस्य (Secrets of Maa Baglamukhi in Hindi):

माँ बगलामुखी, दस महाविद्याओं में अष्टम महाविद्या है जिनकी आराधना भक्तों के जीवन से सभी तरह की शत्रु बाधा, तंत्र-मंत्र और बुरी शक्तियों का नाश करती हैं। देवी बगलामुखी से जुड़े ऐसे अनेक रहस्य है जिनके बारे में हम आपको बताने जा रहे है।

देवी बगलामुखी से जुड़े रहस्य

  • मां बगलामुखी के असीम सौंदर्य तथा स्तंभन शक्ति के कारण देवी को बगलामुखी नाम प्राप्त हुआ है जो बगला शब्द संस्कृत भाषा के वल्गा का अपभ्रंश है, जिसका अर्थ है दुल्हन।
  • बगलामुखी देवी की उत्पत्ति गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में मानी जाती है। हल्दी जल से प्रकट होने के कारण देवी को पीला रंग अतिप्रिय है। देवी बगलामुखी का रंग स्वर्ण होने से इन्हें पीताम्बरा देवी के नाम से भी जाना जाता हैं। 
  • भारत में माता बगलामुखी के केवल तीन प्रमुख ऐतिहासिक मंदिर हैं जो क्रमश: दतिया (मध्यप्रदेश), कांगड़ा (हिमाचल) तथा नलखेड़ा (मध्यप्रदेश) में स्थित हैं। यह मंदिर तांत्रिक अनुष्ठान के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं।
  • देवी बगलामुखी की साधना मुख्य रूप से युद्ध में विजय एवं शत्रुओं को परास्त करने के लिए की जाती है। इनकी पूजा द्वारा तंत्र-मंत्र से मुक्ति और वाक् सिद्धि की प्राप्ति होती है। 
  • महाभारत युद्ध मे विजय प्राप्ति के लिए भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन ने युद्ध से पूर्व माता बगलामुखी की आराधना की थी।
  • देवी बगलामुखी की साधना सर्वप्रथम ब्रह्मा जी ने की थी। इसके बाद देवर्षि नारद, श्रीहरि विष्णु तथा भगवान परशुराम द्वारा की गई थी।

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Baglamukhi Jayanti 2021 https://baglamukhisadhna.com/baglamukhi-jayanti-2021/ Wed, 19 May 2021 15:13:44 +0000 https://baglamukhisadhna.com/?p=2095 पौराणिक ग्रंथों में देवी बगलामुखी को सर्वोच्च शक्ति माना गया है जो दस महाविद्याओं में अष्टम महाविद्या है। माता बगलामुखी स्तम्भन की अधिष्ठात्री है और […]

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पौराणिक ग्रंथों में देवी बगलामुखी को सर्वोच्च शक्ति माना गया है जो दस महाविद्याओं में अष्टम महाविद्या है। माता बगलामुखी स्तम्भन की अधिष्ठात्री है और शत्रुओं का संहार करती है। प्रत्येक वर्ष देवी बगलामुखी की जयंती को धूमधाम से मनाया जाता है। साल 2021 में बगलामुखी जयंती कब है, इसकी पूरी जानकारी हम आपको प्रदान कर रहे है।

कब होती है बगलामुखी जयंती?

हिंदू पंचांग के अनुसार,हर वर्ष बगलामुखी जयंती को वैशाख के महीने में शुक्ल पक्ष के आठवें दिन अर्थात अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। 

2021 में बगलामुखी जयंती (Baglamukhi Jayanti 2021 Date):

बगलामुखी जयंती तिथि: 20 मई 2021, गुरुवार 

बगलामुखी पूजा शुभ मुहूर्त: 11 बजकर 50 मिनट से  12 बजकर 45 मिनट तक

बगलामुखी जयंती का महत्व (Significance of Baglamukhi Jayanti in Hindi)

  • हिंदू धर्म के अनुसार, जो व्यक्ति माता बगलामुखी की पूजा करता हैं, वह अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में सक्षम होता हैं।
  • देवी अपने भक्त को अपनी भावनाओं और व्यवहार को नियंत्रित करने की क्षमता प्रदान करती है। 
  • माँ बगलामुखी की पूजा द्वारा भक्त को काले जादू, तंत्र-मंत्र और अन्य दुर्घटनाओ से सुरक्षा मिलती हैं।
  • दूसरों को सम्मोहित तथा विशेष सिद्धियों की प्राप्ति के लिए देवी की पूजा अचूक सिद्ध होती हैं।
  • कानूनी विवाद व शत्रुओं पर विजय के लिए देवी की पूजा की जाती है।
  • देवी की आराधना से व्यक्ति प्रभुत्व, वर्चस्व और शक्ति से परिपूर्ण हो जाता है।

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