Facts about Maa Baglamukhi
माता बगलामुखी के रहस्य (Secrets of Maa Baglamukhi in Hindi):
माँ बगलामुखी, दस महाविद्याओं में अष्टम महाविद्या है जिनकी आराधना भक्तों के जीवन से सभी तरह की शत्रु बाधा, तंत्र-मंत्र और बुरी शक्तियों का नाश करती हैं। देवी बगलामुखी से जुड़े ऐसे अनेक रहस्य है जिनके बारे में हम आपको बताने जा रहे है।
देवी बगलामुखी से जुड़े रहस्य
- मां बगलामुखी के असीम सौंदर्य तथा स्तंभन शक्ति के कारण देवी को बगलामुखी नाम प्राप्त हुआ है जो बगला शब्द संस्कृत भाषा के वल्गा का अपभ्रंश है, जिसका अर्थ है दुल्हन।
- बगलामुखी देवी की उत्पत्ति गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में मानी जाती है। हल्दी जल से प्रकट होने के कारण देवी को पीला रंग अतिप्रिय है। देवी बगलामुखी का रंग स्वर्ण होने से इन्हें पीताम्बरा देवी के नाम से भी जाना जाता हैं।
- भारत में माता बगलामुखी के केवल तीन प्रमुख ऐतिहासिक मंदिर हैं जो क्रमश: दतिया (मध्यप्रदेश), कांगड़ा (हिमाचल) तथा नलखेड़ा (मध्यप्रदेश) में स्थित हैं। यह मंदिर तांत्रिक अनुष्ठान के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं।
- देवी बगलामुखी की साधना मुख्य रूप से युद्ध में विजय एवं शत्रुओं को परास्त करने के लिए की जाती है। इनकी पूजा द्वारा तंत्र-मंत्र से मुक्ति और वाक् सिद्धि की प्राप्ति होती है।
- महाभारत युद्ध मे विजय प्राप्ति के लिए भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन ने युद्ध से पूर्व माता बगलामुखी की आराधना की थी।
- देवी बगलामुखी की साधना सर्वप्रथम ब्रह्मा जी ने की थी। इसके बाद देवर्षि नारद, श्रीहरि विष्णु तथा भगवान परशुराम द्वारा की गई थी।